Saturday, December 27, 2014

'वज़ह..'



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"वज़ह बेशुमार हैं.
तुम्हें प्यार करने की..

जो लिखता..हाले-दिल..
स्याही होती तेरे नाम की..

जो लगाता इतर..
ख़ुशबू होती तेरे जाम की..

जो पहनता रत्न..
झलक होती तेरे नाम की..

जो संवारता वार्डरोब..
तारीफ़ होती तेरे काम की..

जो पढ़ता ग़ज़ल..
रदीफ़ होती तेरे नाम की..!

जानेमन..
तुम ही कहो..

कितनी वज़ह और बताऊँ..
तुम्हें प्यार करने की..!!"


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Monday, December 22, 2014

'सीले हुए फ़ाहे..'





#‎जां‬


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" इन बेवज़ह मौसमी बरसातों से..
आसमां की परतें खुलने लगी हैं..

जिस्म के अलाव से..
ढक आते हैं..
सीले हुए फ़ाहे..!!"

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--मेरी ज़िन्दगी..

Thursday, December 11, 2014

'मेरे दोस्त..मेरे यार..'




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"चल निकलते हैं..
राइड पर..

ख़ुशियाँ उड़ायेंगे..
ग़म को करेंगे दित्च..

दोस्ती का मारेंगे सुट्टा..
मस्ती का पीयेंगे जाम..
होता रहे..रकीबों की गली..
कितना ही ट्रैफिक जैम..

डार्क चॉकलेट केक की लेयर..
भुला देगी..सारे फीयर..

मल फेस पे..चोको स्लाइज़..
शैतानी ख़ुद होगी सरप्राइज़..

ऑरेंज जूस-ग्लास में डाल स्ट्रॉ..
निकालेंगे आवाज़..हौह..हौह..

व्हाट से..बड्डी..
बाइक करे है इंतज़ार..
आजा..मेरे दोस्त..मेरे यार..!!"


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--मस्ती..फुल-टू..<3 <3

Wednesday, December 3, 2014

'ज़िंदादिली..'





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"दोस्त मिले कुछ ऐसे..
ज़िंदादिली दलते रहे..

मैं था खाली हो रहा..
खुशियाँ अपनी मलते रहे..

उम्मीदे-साया घबराया जब..
शमा बन जलते रहे..

बेख़बर अकेला लुट रहा था..
ताबीज़ मानिंद फलते रहे..!!"

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