Friday, April 29, 2011

'मेरी किस्मत..'



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"छुपा सका ना..
राज़-ए-दिल..
महबूब से..
जो किया बयां..
अधूरा रहा..
हर अरमान..
आह..
मेरी किस्मत..!!"


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'चाहत की कश्ती..'



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"तहज़ीब के निशां..
अरमां के गेसू..
याद है..
शब-ए-वस्ल..
आँगन में टेसू..
दर्द की लहरें..
ले डूबीं..
चाहत की कश्ती..!!!"

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'रूह की तपिश..'



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"चाहत के निशान..आंसुओं की दबिश..
बड़ी अजीब है..सदाओं की खलिश..
बहुत दबाते हो..यादों को ए-वाईज़..
खुदा करे ना समझें वो..रूह की तपिश..!!"


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'नज़ाकत..'



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"खुशबू से रंगी है..
चाहत मेरी..
आ भिगो दे दामन..
हो फ़ना..
नज़ाकत मेरी..!!"

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Wednesday, April 27, 2011

'तन्हाई..'

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"लफ़्ज़ों से बारिश थमती है..
जिस रोज़..
तन्हाई की चादर..
बिखर जाती है..
हर ओर..!!"


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'क़त्ल..'



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"खूबसूरत अंदाज़..
बेबाक़ जज़्बात..

क़त्ल हुए..तेरे कूचे..!!"


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Tuesday, April 26, 2011

'ह्रदय-संचालन..'



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"क्या नियम..
क्या अनुशासन..
थमा दी..
ह्रदय-संचालन की..
बागडोर तुम्हें..
जब..
प्रियवर..
संवरूँ या बिखरूँ..
तुम्हारी अभिलाषी..!!!"


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Saturday, April 23, 2011

'ए-सौदागर..'




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"जुल्फों के आगोश..
बाहों का मंज़र..
खूब खेल खेला..
ए-सौदागर..

मिट रहा चाहत में..
लुट रहा इबादत में..
ना करना सौदा..
कभी रूह का..
ए-सौदागर..

रंगों से लबरेज़..
फिज़ा-ए-काज़ल ..
दस्तक देता..
ए-सौदागर..

उल्फत की सेज़..
मोहब्बत की खेस..
जिस्म गरमाता..
ए-सौदागर..

ना रख शहनाई-सी कसक..
ना दे रूबाई-सी मचक..
मिला दे खुद में..
ए-सौदागर..!!!"


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Thursday, April 21, 2011

'अफसाना-ए-रूह..'




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"अफसाना-ए-रूह..
लिखते रहे रात भर..
ना शब गुज़री ना खुमारी..
जो गुज़रे..
वो..
हम-ज़लीस..!!"

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Wednesday, April 20, 2011

'अदा..'



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"ज़ख्मों को लुभाती..
ज़िन्दगी तेरी हर अदा..
बेवफा हो तुम..
या..
मैं ग़मज़दा..!!"

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Thursday, April 14, 2011

'कसम-ए-ज़िन्दगी..'



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"वादा है..
ए-जां नशीं..
निभाएंगे..
कसम-ए-ज़िन्दगी..
जब तलक..
साँसें है..
दीवानी..
और..
रूह..
बेगानी..!!!"


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Wednesday, April 13, 2011

'जिद..'







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"जिद है चाँद पाने की..
नींद गंवा..
टंगे हैं..
ख़्वाबों के अनचाहे ख्वाब..!!"


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Tuesday, April 5, 2011

'माँ..'


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"थका हूँ..
जब राहों पर..
थामा हाथ..
ढाढ़स बँधाया..
कृतज्ञ हूँ..
माँ..!!!"


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Saturday, April 2, 2011

'रंग चाहत का..'




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"लिपटे हैं ख्वाब कई..
मेरे आँगन..
सिमटे हैं जज़्बात कई..
मेरे दामन..
आ जाओ ना..
रंग चाहत का उड़ेलने..!!"

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'पुराने नगमे..'


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"कुछ पुराने नगमे..
कुछ सूखे फूल..
कुछ भूली यादें..
कुछ प्यारे शूल..

वक़्त की पुरवाई ले आई..
आँगन की महकती खुशबू..
तन्हाई के आलम..

रिश्तों की चादर..
मसरूफ़ियत की दीवार..

क़ैद ज़हन में..
खतों के लिहाफ..


वो बारिश की बूँदें..
वो जज्बातों का काफिला..
वो चाँद की खामोशी..


जहां हैं रोशन..
गिल़ा नहीं कोई..
हिस़ाब पिछला चुका आया हूँ..
इस बारिश..!"


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Friday, April 1, 2011

'जंग-ए-रूह..'


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"बिखरती शब..
सुलगती नब्ज़..

आह..जंग-ए-रूह..!!"


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