Wednesday, March 30, 2011

'जुस्तजू..'

...

"महका जा दामन मेरा..
ए-जुस्तजू यार की..!!!"

...

Friday, March 25, 2011

'कहानी हमारी..'




...


"बेरुखी में डूबी ज़िन्दगी हमारी..
अपनों ने लुटाई कहानी हमारी..
ना करना ज़ाहिर..राज़ पुराने..
मचलेगी फिर से जवानी हमारी..!!"


...

'योगदान की पाठशाला..'




...


"सजते-संवरते चंद्रमा की रंगमाला..
कोमल पुष्प की सुगन्धित वर्णमाला..
अद्भुत है संयोग..विशाल है मनोयोग..
होती है सरल..योगदान की पाठशाला..!!!"

...

Tuesday, March 22, 2011

'नासूर बहुत..'



...


"जलने जीने के बहाने बहुत..
अफ़साने मरने मिटने के बहुत..
इश्क-ए-नगमा जज़्बे बहुत..
रौशनी गम की चादर बहुत..

राग पुराना..नमक के डले बहुत..
समझाने समझने तस्सवुर बहुत..
दीवानगी तिश्नगी अदाएं बहुत..
अश्क़ वफ़ा का खामियाज़ा बहुत..

खबर क़यामत मासूमियत बहुत..
नज़रों का मिलना बिछड़ना बहुत..
ख्व़ाब धड़कन हकीक़त बहुत..
फ़साने सफ़र मोहब्बत बहुत..

नाज़ुक मंज़िल ठोकर बहुत..
आहिस्ता-आहिस्ता इंतज़ार बहुत..
ऐतबार इनायत जी-हुजूरी बहुत..
साहिल खंज़र नासूर बहुत..!!!"


...

Monday, March 21, 2011

'सितम की ज़ुल्मत..'




...


"दाम लगाने आये वाईज़..
बारहां..
वफ़ा की शब से..
ना मिला अक्स..
ना साँसों का ठिकाना..
अजीब है..
सितम की ज़ुल्मत..
रूह के नक़ाब..
नश्तर कर जाती है..!!!"

...

Thursday, March 17, 2011

'ऐसी रूह तलाशता हूँ..'


...


"जो डूब जाए..
ऐसी कश्ती तलाशता हूँ..
जो बिखर जाए..
ऐसी माला तलाशता हूँ..

हूनर खूब मचलते..
शामें अब खैराती हैं..

जो सुलग जाए..
ऐसी रूह तलाशता हूँ..!!"


...

Saturday, March 12, 2011

'बेटू..'







'बेटू' की इक्कीसवी सालगिरह पर ह्रदय की अनुभूति..!!

एक नये सागर की ओर कदम बढायें..एक नयी शुरुआत.!!!

सदैव मुस्कुराते रहो..!!!
खुश रहो..!!
आबाद रहो..!!

ढेरों शुभकामनायें..!!


...


"जीवन की पहली मुस्कान..
सुंदर..कोमल..
पहली चमक..
आलौकिक..अदभुत..
पहली सुगंध..
पावन..निर्मल..
पहली ध्वनि..
सुरीली..मधुर..
पहली यात्रा..
सुरम्य..सुशोभित..
पहली पुस्तक..
सुगठित..सुसज्जित..
पहली राह..
रंग-बिरंगी..सजीली..


सजा बगिया..
भेज रही हूँ..

अपार खुशियाँ..
सुगमता की कलियाँ..
और..
मेरे 'बेटू' की किलकारियाँ..!!!"

...





12-03-2011..

'रूह..'




...

"बेरोजगार है रूह
कुछ रोज़..!!!"

...

Thursday, March 10, 2011

'माधुर्य का संगम..'




...


"बाँधी जिस क्षण..
घेरों की डोरी..

चमका था सोना..
उछली थी चांदी..

मद्धम-मद्धम था उजाला..
भीनी थी चांदनी..

सुमन की सुगंध..
पर्वत की ओढ़नी..

जल की निर्मलता..
नदी की चाप..
घुँघरू की खनक..
सरगम की थाप..

माधुर्य का संगम..
अंतर्मन का मिलाप..

सुनो..
प्रिय..
अद्भुत सादगी..
अटूट विश्वास ही..
जीवन की धार..

सदैव रखना..
अपने समीप..
करना मेरा..
प्रेम स्वीकार..!!"

...

'जीने की तलब..'



...

"ज़ज्बातों की आँधी से उलझता हूँ..
काफिला साथ..हर शब मचलता हूँ...

जीने की तलब..बेरंग हो चली है..!!"

...

Tuesday, March 8, 2011

'दीदार..'




...


"मोहब्बत ज़ुबां से..
बयां हो..
कब चाहा था..
ज़मीं-ए-रूह..
फ़क़त..दीदार हो..
मेरे महबूब..
इनायत होगी..!!"


...

Monday, March 7, 2011

'दाम..'




...


"पूछते हैं..
बेबसी का आलम..
क्या ज़रूरी है..
गम की डली का..
दाम..??"


...

Thursday, March 3, 2011

'दर-ए-यार..'





...


"कितने मेहरबां मिले..
कितने गुलिस्तान खिले..

दर-ए-यार..तन्हा-तन्हा..!!!"


...

Wednesday, March 2, 2011

'रूह-का-इतर..'



...


"बाँध तकिये से..
रख लूंगी..
काजल के मोती..
नापोगे दरिया की गहराई..
दबे मिलेंगे..
तेरे-मेरे..
एहसास..
अरमान..
और..
रूह-का-इतर..!!"

...

'यादों के साये..'



...


"अजीब हैं..
यादों के साये..
जब टटोलो..
चुप जाते हैं..
जब छुपाओ..
छलक जाते हैं..!!"

...