Wednesday, February 23, 2011

'मेरे महबूब..'




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"चार पल का आशियाना..
दो पल की ख़ुशी..
इक पल का याराना..

मुबारक हो..
मेरे महबूब..
रूह का दिलकश नज़राना..!!"

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7 ...Kindly express ur views here/विचार प्रकट करिए..:

Amit Chandra said...

very nice. keep it up.

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद दिवाकर गर्ग जी..!!

निर्मला कपिला said...

चंद शब्दों मे दिल के एहसास बिखेर दिये। शुभकामनायें।

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद निर्मला कपिला जी..!!

संजय भास्‍कर said...

चंद शब्दों मे सार्थक और भावप्रवण रचना।

संजय भास्‍कर said...

आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं

priyankaabhilaashi said...

धन्यवाद संजय भास्कर जी..!!