Wednesday, July 28, 2010

'मिली रज़ तेरी..'




...


"जीवन की राहें..
विचलित करतीं हैं..
जब कभी..
इक तेरा ही आसरा..
दिखता है..
हर कहीं..
सौभाग्य है..
मिली रज़ तेरी..!"

...

Monday, July 26, 2010

'उसूल-ए-कारवान-ए-शाहदत..'


...

"दिल का दर्द उभर आया..
जब कभी..

ना समझा..
वाईज़ कभी..

गर कुरबां हो..
मिलता नहीं..
कूचा कभी..

अजीब है..
उसूल-ए-कारवान-ए-शाहदत..

मिलते हैं..
कब्र पे..
गुल सूखे कभी..!!"

...

'हरारत..'


...

"आऊँगा जब कभी..
हरारत होंगी..
मचलेंगीं साँसें..फ़क़त..
शरारत होंगी..!!"

...

'बिखरना चाहता हूँ..'

...

"बिखरना चाहता हूँ..
बाहों में टूटकर..
निकले जब कभी जनाज़ा..
आये मज़लिस भी उठकर..!!"

...

Saturday, July 17, 2010

'ख़ाक-ए-गर्द..'


...

"समेटती हूँ..
आवारा साँसों को..
अक्स धुंधला हो जाता है..

लपेटती हूँ..
आगोश जिस्मों की..
आसमां नीला हो जाता है..

सहेजती हूँ..
बेबाक यादों को..
दरिया बेमाना हो जाता है..

ढूंढो जोर-ए-सितम..
ख़ाक-ए-गर्द..
मेरा अंजाम हो जाता है..!!"

...

' न्योछावर..'



...

"ना डगमगाए संसार..
करना करम..हर कदम..
करनी पड़ें न्योछावर..
चाहे श्वांसें हर दम..!!"


...

'रवानी का सुरूर..'


...

"ना करना रुसवाई..
बेमौत मारे जायेंगे..
बिखरेगा रवानी का सुरूर..
हम ही पहचाने जायेंगे..!!!"

...

'मुंतज़िर..'


...

"जीने की ख्वाइश दबी रही..
ता-उम्र..
फासला रूह का..
तय कर ना सका..
मेरा मुंतज़िर..!!!"

...

Friday, July 16, 2010

'यथार्थ बन जाओ..ना..'


...

"मून्दतें हैं..
नेत्र..
यदा-कदा..

अभिभूत कर जाता है..
निर्मल-सा..
स्मरण तुम्हारा..

बारिश की पहली फुहार..
सुकोमल-सा..
स्पर्श तुम्हारा..

सौंधी मिट्टी का बिछौना..
पवित्र-सा..
ह्रदय तुम्हारा..

मेरी अंतर्ज्योति..
मेरी नाड़ी-तंत्र..
मेरी मधुर-स्मृति..

यथार्थ बन जाओ..ना..
आओ..
मुझमें समा..जाओ ना..!!"

...

'रिवायतों का घूँट..'


...

"मासूम चाहत..
कुरबां हुई जाती है..
उतरता है..
हलक से..
जब-जब..
रिवायतों का घूँट..!!"

...

Thursday, July 8, 2010

'नमकीन गुड़ से लबालब..'


...

"अरमानों की सेज पर..
सिलवटें समेटती..
शब..
वस्ल की चाहत..
और..
जिंदगानी का कहर..
बाँध रखना..
उस संदूक के कोने में..
मासूम मोहब्बत..
यादों के पल..
और..
नमकीन गुड़ से लबालब..
कश्ती..
जो ना बह सकी..
इस तूफानी बरसात में..
फ़क़त..!!!"

...